आ श्यामा मैं तैनू याद करदी,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी॥
वृंदावन मैनू भी ले चल नाल वे,
बड़ा तड़पाया हुण बस कर वे,
अजे भी ना आई तैनु हमदर्दी,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी,
आ श्यामा मैं तैनू याद करदी,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी॥
तूही श्यामा पाया मैनू मोर जाल वे,
आके हुण देख मेरा की हाल वे,
तेरा वीछोड़ा मैं ता सह ना सकदी,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी,
आ श्यामा मैं तैनू याद करदी,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी॥
दुनिया मैनु मारे ताने,
वृंदावन लै चल किसे बहाने,
तेरे व्योग बीच हौंके भरदी,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी,
आ श्यामा मैं तैनू याद करदी,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी॥
तू मेरे मन का मोती है,
दो नैनो की ज्योति है,
आस लगी है दर्शन की,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी,
आ श्यामा मैं तैनू याद करदी,
वृंदावन कीवे आवा घरो डरदी.........