राम मैं तो जब से शरण तेरी आया,
आनंद आनंद आनंद मैंने पाया,
मेरे राम मेरे राम, साँचा है तेरा नाम॥
अन्धकार में भटक रहा था,
सूझें ना कोई किनारा,
तूनें मन में ज्योत जलाकर,
दूर किया अँधियारा,
तू ही है एक सहारा,
जीवन का सच पाया,
राम मैं तो जब से शरण तेरी आया,
आनंद आनंद आनंद मैंने पाया,
मेरे राम मेरे राम, साँचा है तेरा नाम॥
हर पल मेरे पास रहा तू,
फिर भी मैं देख ना पाया,
जग बंधन में ऐसा उलझा,
पास ना तेरे आया,
भटके हुए राही को,
राह पे तूने लगाया,
राम मैं तो जब से शरण तेरी आया,
आनंद आनंद आनंद मैंने पाया,
मेरे राम मेरे राम, साँचा है तेरा नाम..........