दातेया दातेया, दातेया दातेया...
तेरे सोहने दर नूं छड्ड सतगुरु, साडा होर ठिकाना नहीं,
ना करी चरणी तो साहनु दूर, तेरा दर छड्ड के जाना नहीं ॥
झूठे जग ने बहुत सताया, ताहियों तेरे दर ते आया,
तेरे दर विच किस दा घाटा, मेरा ऐवे जन्म गवायाँ,
तेरे वाजो मेरा पापी दा कोई होर ठिकाना नहीं,
ना करी चरणी तो साहनु दूर, तेरा दर छड्ड के जाना नहीं ॥
नाम दा रंग चढ़ा दे मैनु, डुबदा पार लगा ले मैनु,
पंज छोर जो नजर करे ने, ओहना कोलो बचा ले मैनु,
तेरे दर मीठा अमृत छड्ड के, जहर मैं खाना नहीं,
ना करी चरणी तो साहनु दूर, तेरा दर छड्ड के जाना नहीं ॥
सतगुरु तेरी बंदगी करनी, तहियो तेरे टिकिया चरणी,
तू ही परम पिता मेरे दाता, तुहियो साड्डी रक्षा करनी,
कहे दास निमोना दाता तैनू, दिलो भुलाना नहीं,
ना करी चरणी तो साहनु दूर, तेरा दर छड्ड के जाना नहीं........