शक्ति वान लगे लक्ष्मण को व्याकुल हुए राम राई रे
बजरंगी विपदा की घड़ी में तनिक न देर लगाये रे
धोला गिरी पर्वत को सिर पे लेके आये रे
वैद बोले सूर्ये उधे से पेहले यदि आएगा,
मृत संजीवनी बूटी जान को बचाएगा
देर जो हुई जान बचने न पाए रे
धोला गिरी पर्वत को सिर पे लेके आये रे
पर्वत पे संजीवनी पहचान नही पाए रे
बजरंगी पर्वत उखाड़ के ही ले आये ले
संकट मोचन संकट राम प्रभु के मिटाए रे
धोला गिरी पर्वत को सिर पे लेके आये रे