बन परदेसिया जे गइला शहर तू,
बिसरा के लोग आपन गाँव के घर तू,
उहे घरवा उहे गलियां पुकारे,
छठी मईया रस्ता निहारे,
जय हो छठी मईया,
बुलावे छठी मईया।
अंगना में जीजी संग मौसी,
छठी माई के गीत गाये,
सज धज के नइकी दुलहिन,
पर्व के ठेकुआ बनाये,
हे छठी मईया होना सहाए,
हे छठी मईया होना सहाए॥
बाबू जी गेलथुन केलवा किनाये,
पटना बजरवा से नेमुआ ले आये,
फ़लवा से बबुनी बहँगी सजाये,
फ़लवा के भरवा से लचकत जाये,
बहँगी लचकत जाये,
बहँगी लचकत जाये,
पानी में खड़ा होके वर्ती,
मांगे आशीष अपार,
सबके सुहागिन रखिह,
दीहा उमिर हजार,
दीहा उमिर हजार,
हे दीनानाथ सुन ली पुकार,
हे दीनानाथ विनती हमार,
हे दीनानाथ सुन ली पुकार........
पूरा जग से हारे, आये तेरे द्वारे,
सुना हैं कि छठी मां भाग सवारे.......