सौंउन दे महीने माँ दी किरपा निराली ए,
भगतां ने घर घर ज्योत जगा लई ए,
कर्मा वाले भगतां ने घर जागरण रखाया ए,
ज्योत नू जगा के माँ नू घर च बुलाया ए।।
अज्ज जगराता माँ दा कराया ए,
घर आपने च माँ नू बुलाया ए..... -2
अज्ज जगराता माँ दा कराया ए,
बड़े चावां नाल भवन सजाया ए,
करांगे दीदार दाती दा........
ज्योत विचो माँ दा दीदार असी करना,
पापां वाला जग छड मईया दर मलना..... -2
पहला गणपती जी नू मना के,
भैरो बाबा जी दी अलख जगा के,
करांगे दीदार दाती दा........
ताड़ियाँ बजावागे ते भंगड़े भी पावांगे,
चौरासी वाले गेंड़े सारे एथे कट जावांगे..... -2
सारे भगतां नू जागे च बुलाके,
मन मंदिर च ज्योत जगा के,
करांगे दीदार दाती दा........
सौंउन दे महीने जदो नवरात्रे आउंदे ने,
भर भर झोलियाँ भगत लै जांदे ने..... -2
पहले नवरात्रे भवन सजा के,
माँ दे चरणा च ध्यान लगा के,
करांगे दीदार दाती दा........