बड़ा मन भावे रे मगन मन गावे रे

बड़ा मन भावे रे मगन मन गावे रे,
राम के नाम का प्याला पी के मिलता है आराम,
सुदा बरसावे रे बड़ा मन भावे रे,

बोले पंक्षी पपीहा बोले लहरे नदियां करु वर डोले,
गूंज रहा है धरती अमबर में बस एक ही नाम,
कोयलियाँ गावे रे बड़ा मन भावे रे,

बोले अम्बर साथ समंदर,
गूंज रहा है धरती अम्बर,
सेन और कुलदीप बस जपते सुबहो शाम न गम कभी आवे रे,
बड़ा मन भावे रे मगन मन गावे रे,

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