हो जाओ भोले बाबा तुम तैयार,
है गौरा खड़ी लेकर फूलों का हार,
भोले की दीवानी है मां पार्वती।
भोले केसर का क्या-क्या श्रृंगार,
लंबी जटा और गंगा की धार,
फिर भी दीवानी है मां पार्वती।
भोले के माथे का क्या-क्या श्रृंगार,
तीसरा नेत्र और चंदा की धार,
फिर भी दीवानी है मां पार्वती।
भोले के कानो का क्या-क्या श्रृंगार,
बिच्छू ततैया और कुंडल श्रृंगार,
फिर भी दीवानी है मां पार्वती।
भोले के गले का क्या-क्या श्रृंगार,
मुंडो की माला और सर्पों का हार,
फिर भी दीवानी है मां पार्वती।
भोले के हाथों का क्या-क्या श्रृंगार,
लंबा त्रिशूल और डमरू की तान,
फिर भी दीवानी है मां पार्वती।
भोले के अंगो का क्या-क्या श्रृंगार,
बाघ अंबर छाला और भभूति अपार,
फिर भी दीवानी है मां पार्वती।
भोले के संग का क्या-क्या श्रृंगार,
भूत पिशाच और नंदी सवार,
फिर भी दीवानी है मां पार्वती।
भोले के चरणों का क्या-क्या श्रृंगार,
ढोलक चिमटा और भक्तों का प्यार,
फिर भी दीवानी है मां पार्वती।