भंगिया ना घोटु भोले, तड़के पीहर जाऊ,
दुखड़ा मैं अपना भोले किसने सुनाऊ.......
कहके इक लौटा भोले बालटी घुटवावे सै,
घट घट पिके भंगिया भोले बम बम गावे सै,
छाले पड़ गए हाथ में किसने दिखाऊ,
भंगिया ना घोटु भोले, तड़के पीहर जाऊ,
दुखड़ा मैं अपना भोले किसने सुनाऊ.......
मैं महला की राज कुमारी, भोले मस्त मलंगा सै,
तन पे भस्म रमावे भोले, जटा में उसकी गंगा सै,
गल में सर्प, कान में बिछुए, डर के पास ना जाऊ,
भंगिया ना घोटु भोले, तड़के पीहर जाऊ,
दुखड़ा मैं अपना भोले किसने सुनाऊ.......