शेरोंवाली माँ, मेहरोंवाली माँ,
तेरे दर पे खड़े है सवाली माँ।।
त्रिकूट पर्वत पे तेरा बसेरा,
भक्तों का दर पे रहता है डेरा,
जिसपे कृपा की छाया तू करती,
राहों से उसके मिटता अँधेरा,
शेरोंवाली माँ, मेहरोंवाली माँ,
तेरे दर पे खड़े है सवाली माँ।।
चरणों में तेरे गंगा है बहती,
बीच गुफा माँ पिण्डियों में रहती,
शक्ति का तेरी कायर जमाना,
मैं नहीं कहता दुनिया ये कहती,
शेरोंवाली माँ, मेहरोंवाली माँ,
तेरे दर पे खड़े है सवाली माँ।।
लाल चुनरिया लाल है चोला,
लाल ध्वजा दर पे लहराए,
केवल श्रद्धा से शरण जो आये,
बिन मांगे मुराद वो पाए,
शेरोंवाली माँ, मेहरोंवाली माँ,
तेरे दर पे खड़े है सवाली माँ।।