तर्ज - चाँद चढ्यो गिगनार
सुन लो जी सरकार मेरी, आयो थारे द्वार बाबा।
तू ही पालन हार, साँवरा सुण ल्यो जी थे सुण ल्यो जी।
लखदातार कुहावे है तो, दातारी दिखला दे रे,
लीले चढ़कर आजा बाबा, मेहर तेरी बरसा दे रे,
तेरो ही आधार म्हाने, खाटू वाला श्याम,
सँवारा सुण ल्यो जी थे सुण ल्यो जी,
कुछ तो बाबा मुख स बोलो, हार कर के आयो हूँ,
टाबर तेरो हूँ सांवरिया, अर्जी म्हारी ल्यायो हूँ,
मैं हूँ थारो दास साँवरा, चरणां राखो पास,
साँवरा सुण ल्यो जी थे सुण ल्यो जी,
चंदन है खाटू की माटी, अमृत कुंड को पाणी जी,
एै दोनु जानै मिल ज्यावै, हो तक़दीर सुहानी जी,
माया अपरंपार थारी, भर देवे भण्डार,
साँवरा सुण ल्यो जी थे सुण ल्यो जी,
केसर तिलक लगाकर बाबो, मोर छङी लहरावे है,
लीले चढकर दौडयो आवे, प्रेमी टेर लगावे है,
भगतां के संग मिल कर आयुष, खड्यो है तेरे द्वार,
साँवरा सुण ल्यो जी थे सुण ल्यो जी,
सुन लो जी सरकार मेरी आयो मे दरबार थारे।
तू ही पालन हार, साँवरा सुण ल्यो जी थे सुण ल्यो जी।
भजन रचयिता - आयुष बंका
झून्झुनू
मोबा. ...9783610961