चुनरियाँ... चुनरियाँ अनमोल,
तेरी माँ चुनरियाँ,
हीरे मोती तरह तरह के जड़े है प्यारे प्यारे,
चमक रहे है चम चम जैसे चाँद सितारे,
चुनरियाँ... चुनरियाँ अनमोल,
तेरी माँ चुनरियाँ।।
पहले सिरे पर गणपती बैठे,
चूहे की अस्वारी,
दुजे सिर पे गौरा के संग,
बैठे शिव त्रिपुरारी,
ओ तीजे सिरे पे सीता के संग,
बैठे अवध दुलारे,
चौथे सिरे पे राधा के संग,
बैठे बंसी वाले,
चुनरियाँ... चुनरियाँ अनमोल,
तेरी माँ चुनरियाँ।।
हरे रूए में ॐ लिखा है,
ममता के है धागे,
इंद्रपूरी की सारी वसुधा,
फीकी इसके आगे,
ओ गंगा जमुना कल कल बहती,
चारो और किनारे,
काम क्रोध मद लोभ के लख बने है द्वारे,
चुनरियाँ... चुनरियाँ अनमोल,
तेरी माँ चुनरियाँ।।
बेला चम्पा और गुलाब की,
गुथी हुई फुलवारी,
दिल को मोहित करने वाली,
गौटा जड़ी किनारी,
वेदों और पुराणों के भी मंत्र लिखे है सारे,
कहे ‘परवीन’ तन मन इस पे वारे,
चुनरियाँ... चुनरियाँ अनमोल,
तेरी माँ चुनरियाँ।।