आज मेरी कुटिया में महारानी आई है
बेटे गाओ भंगडे पाओ माता रानी आई है
रात है ये निराली आई माता शेरावाली आज मेरा दुशहरा आज मेरी दीवाली
दीद मैया की पा ली प्यास मन की बूजा ली माँ की ममता से मैंने झोली भर ली है खाली,
घर बैठे वर देने माँ वरदानी आई है
बेटे गाओ भंगडे पाओ माता रानी आई है
ये घड़ी है सुहानी है हकीकत बतानी
मेरी अखियो में आया गंगा यमुना का पानी
माँ ने की मेहरबानी बात बेटे की मानी
याद करते ही आई न करी आना कानी
दिन से भी ये उजली रात नुरानी आई है
बेटे गाओ भंगडे पाओ माता रानी आई है
मेरी माँ की दुआ है मेरी माँ की दया है
मैंने माँगा था जो भी वो मुझे मिल गया है
सामने मेरे माँ है हां मुझे ये घुमा है
मेरे अंगना में देखो स्वर्ग जैसा समा है
दास विकास ने माँ की अमृत वाणी गई है
बेटे गाओ भंगडे पाओ माता रानी आई है