दे ममता दी छाह अमडीये फड ले साडी बाह

तेरी यादा विच जींद हो लाचार रुल गई
काहनू बचेया दी लेनी माये सार भूल गई
दे ममता दी छाह अमडीये फड ले साडी बाह
तेरी यादा विच जींद हो लाचार रुल गई

इस जग ने माँ दिल उते चोटा दितीया
जाके किस नु सुनाये असी आप बितिया,
तू ही औन दा माँ कर इकरार भूल गई
काहनू बचेया दी लेनी माये सार भूल गई

सहनु मिलिया न मोका चरना च रेहन दा
दो घडी तेरी ममता दी छा च रेहन्दा
डोरी प्यार दी तू हाथ विचकार खुल गई
काहनू बचेया दी लेनी माये सार भूल गई

गल्ला दिल दिया मावा बाजो केहडा जान दा
मेहरा वाला पल्ला सिर माँ कोई तान दा
तू क्यों अपना ही माये परिवार भूल गई
काहनू बचेया दी लेनी माये सार भूल गई

जीवे तिलक अम्बाले वाला दिता तार माँ
साड़ी सुन के पुकार आजा एक वार माँ,
देना कमल नु मावा वाला प्यार बुल गई
काहनू बचेया दी लेनी माये सार भूल गई
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