खाटू वाले श्याम बिहारी,
कलयुग के हो तुम अवतारी,
जो भी आया शरण तुम्हारी रे,
सावरा सावरा सावरा सावरा,
खाटू वाले श्याम बिहारी....
बाबा तेरी खाटू नगरी विशाल है,
भक्तो की भीड़ यहाँ लगती अपार है,
बाबा तेरी मर्जी के आगे,
पत्ता ना हिलता यहाँ,
खाटू वाले श्याम बिहारी....
दीन दुखियों से करता तू प्यार है,
सेठो का सेठ ये श्याम सरकार है,
जो भी आया दर पर तुम्हारे,
भरता तू झोली सदा,
खाटू वाले श्याम बिहारी....
फागुण के मेले में हम को बुलाले,
‘सचिन’ को बाबा तू अपना बना ले,
सीस का दानी दरस दिखा दे,
मुझको भी ओ सावरा,
खाटू वाले श्याम बिहारी....
खाटू वाले श्याम बिहारी,
कलयुग के हो तुम अवतारी,
जो भी आया शरण तुम्हारी रे,
सावरा सावरा सावरा सावरा,
खाटू वाले श्याम बिहारी....