मुझे सांवरे के दर से,
कुछ ख़ास मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा... श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे सांवरे के दर से,
कुछ ख़ास मिल गया है।।
इसके भरोसे मैं तो,
आगे ही बढ़ता जाता,
हो लाख राहें धुंधली,
पर डर नहीं सताता
ये साथ चल रहा है,
एहसास मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा.. श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे सांवरे के दर से,
कुछ ख़ास मिल गया है।
जबसे जुड़ा हूँ दर से,
मेरी मौज हो गयी है,
होली दिवाली मेरी,
अब रोज़ हो गई है,
अंधियारे मन को मेरे,
प्रकाश मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा... श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे सांवरे के दर से,
कुछ ख़ास मिल गया है।
क्या होगा क्या ना होगा,
जब दिल समझ ना पाया
सोनू भरोसा इसका,
उस वक़्त काम आया,
मुझे हारने ना देगा,
आभास मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा.. श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे सांवरे के दर से,
कुछ ख़ास मिल गया है।