हंस की वाहिनी तू हंस को उड़ाने आजा,
मेरी मैया मेरी बिगड़ी तू बनाने आजा,
आजा....आजा....
तू तो कहती थी ना आंच आएगी तुझ पर,
आंच आने से पहले मईया आएगी तुझ तक,
अब क्या हुआ जो तू मेरी विनती नहीं सुन रही,
तुझको क्या अब इस बेटे की कोई फिक्र नहीं,
अपने इस बेटे के आंसू को पोछने आजा,
मेरी मैया मेरी बिगड़ी तू बनाने आजा,
आजा....आजा....
तू है मैया मेरी मै हूं पुत्र तेरा,
जन्मों-जन्मों का नाता है तेरा मेरा,
तू नहीं आएगी तो मै लूट ही जाऊंगा,
इस भरी महफ़िल में मै क्या मुंह दिखलाऊंगा,
अपने इस बेटे की लाज को बचाने आजा,
मेरी मैया मेरी बिगड़ी तू बनाने आजा,
हंस की वाहिनी तू हंस को उड़ाने आजा,
मेरी मैया मेरी बिगड़ी बनाने आजा,
आजा....आजा....