माँ छोटा सा घर मेरा तुझे कहा बिठाऊ,
तू ही ये बता दे तेरा कहा भवन सजाउ,
माँ छोटा सा घर......
घर आकर दीदार दिया माँ,
तूने बड़ा उपकार कियाम
तेरी रेहमत ने महारानी तेरे लाल को तार दिया,
मेरे भाग जगाये दुःख दर्द मिटाये मन झूमे गाये माँ तू मुस्काये,
सो सो बार तेरे चरणों में माँ मैं शीश झुकाउ,
तू ही ये बता दे तेरा कहा भवन सजाउ,
माँ छोटा सा घर......
नैना तेरे ममता भरे मिश्री जैसी भोली माँ,
जी चाहे देखता जाऊ तेरी सूरत भोली माँ,
सो बार निहारु तन मन वारु तेरा नाम पुकारू तेरी नजर उतारू,
अपनी पलकों के आसान पे माँ मैं तुझसे बिठाऊ,
तू ही ये बता दे तेरा कहा भवन सजाउ,
माँ छोटा सा घर......
सोने चांदी का सिंगसन इस गरीब के पास नहीं
छप्पन भोग लगा सकता सुरिंदर तेरा दास नहीं,
फिर भी तू आई मेरी लाज बचाई तेरे प्यार में माई मेरी आंख भर आई,
कुछ रुख सूखा है कह दे माँ तो तुझे खिलाऊ,
तू ही ये बता दे तेरा कहा भवन सजाउ,
माँ छोटा सा घर......