प्रभु जी मन मगन है मेरा तेरी ही धुन में,
प्रभु जी मन मगन है मेरा तेरी ही धुन में,
मालिक मेरे दर पे आया तेरे, 
रब तुम हो मेरे दर पे आया तेरे, 
प्रभु जी मन मगन है मेरा तेरी ही धुन में, 
मन मगन तेरे भजन में,
मन मगन तेरे भजन में, 
समझ पाये इस सुख को जो, 
आनंदमय जीवन हो,
समझ पाए इस सुख को जो, 
आनंदमय जीवन हो, 
प्रभु जी मन मगन है मेरा तेरी ही धुन में।
धरती अंबर और गगन, 
तुम हो स्वामी हर कण कण, 
तुम हो वो जरिया, 
हर जर्रा जर्रा,
प्यार से जिसने पिरोया,
प्रभु जी करो मेहर, 
प्रभु जी करो मेहर, 
प्रभु जी मन मगन है मेरा तेरी ही धुन में।
मेरे बल तुम हो सहारा, 
जन जन का तुम आसरा, 
मेरे राम तुम मेरे श्याम तुम, 
सब जन के भगवान तुम, 
प्रभु जी मन मगन है मेरा तेरी ही धुन में।
क्या राजा क्या रंक, 
क्या दीन क्या हीन,
क्या राजा क्या रंक, 
क्या दीन क्या हीन, 
प्रभु जी पालन हारे सर्वज्ञानी सबसे न्यारे, 
सर्वज्ञानी सबसे न्यारे, 
सर्वज्ञानी सबसे न्यारे, 
अंधेर में आरुष तुम, 
कण कण हर नस में तुम, 
आदि और अंत भी तुम, 
मेरे दीपक की लौ हो तुम,
पथहीन ना होंने दो, 
कष्ट क्लेश दूर करो,
भक्ति को शक्ति दो, 
वंदना स्वीकार करो, 
प्रभु जी मेहर करो, 
प्रभु जी मन मगन है मेरा तेरी ही धुन में, 
प्रभु जी मन मगन है मेरा तेरी ही धुन में।