सांवरे घनश्याम तुम तो प्रेम के अवतार हो

सांवरे घनश्याम तुम तो प्रेम के अवतार हो,
फस रहा हूं संकटों में तुम ही खेवनहार हो,
सांवरे घनश्याम तुम तो प्रेम के अवतार हो....

हाथ में मुरली मुकुट सिर और गले में हार हो,
आपका दर्शन मुझे इस छवि में बारंबार हो,
सांवरे घनश्याम तुम तो....

चल रही आंधी भयानक भंवर में नैया पड़ी,
थाम लो पतवार गिरधर तब ही बेड़ा पार हो,
सांवरे घनश्याम तुम तो....

है अधम भारी रखी सिर पाप की ये गाठरी,
लगी आग दिल में हमारे कब मुझे दरकार हो,
सांवरे घनश्याम तुम तो....

आसरा प्रभु दूसरा कोई नहीं संसार में,
हंस रहा हूं संकटों में तुम ही खेवनहार हो,
सांवरे घनश्याम तुम तो....

नग्न पद गज के रुधन पर दौड़ने वाले प्रभु,
देखना निष्फल ना मेरे आंसुओं की धार हो,
सांवरे घनश्याम तुम तो....

आप ही यदि छोड़ देंगे फिर कहां जाऊंगा मैं,
जन्म मरण की नाव कैसे पार कर पाऊंगा मैं,
सांवरे घनश्याम तुम तो....
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