वो राम धुन में मगन है रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है,
वो राम जी के चरण में रहते,
प्रभु के कारज बना रहे है,
वो राम धुन में मगन है रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है......
वो राम लक्ष्मण काधे बिठाये,
सुग्रीव के संग मैत्री कराये,
प्रभु मुदिका थी मुख में डाली,
वो लंका धाए सुधि सिया लाए,
निशानी माँ की दी जो प्रभु को
प्रभु हदय से लगा रहे है,
वो राम धुन में मगन है रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है.....
लखन है मुचित है राम रोते,
बूटी सजीवन अब कोन लाए,
प्रभु लगन थी हदय में धारी,
वो बूटी वाला पर्वत ले आए,
वो प्राण रक्षक बने लखन के,
हाथो से बूटी खिला रहे है,
वो राम धुन में मगन है रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है....
नागों की पाश में प्रभु जी आए,
गरुड़ को लाए प्राण बचाए,
अहिरावण प्रभु को लेके भागा,
संघारा पापी पाताल धाए,
रंगा सिदुरी तन अपना सारा,
प्रभु का चंदन लगा रहे है,
वो राम धुन में मगन है रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है.....