मोहे राधे राधे कहना सिखा दे, कन्हैया तेरो क्या बिगड़े,
क्या बिगड़े तेरो क्या बिगड़े,
मुझे राधे राधे कहना सिखा दे॥
वृंदावन जाऊं तेरे गुण गाऊं,
चरणों की धूल को माथे पे लगाऊ,
मेरी वृंदावन में कोठरी बना दे, कन्हैया तेरो क्या बिगड़े,
मुझे राधे राधे कहना सिखा दे॥
जमुना तट पे जाऊं वहां नहीं पाऊं,
बंसीवट पे जाऊं वहां नहीं पाऊं,
अपने मिलने का ठिकाना बता दे, कन्हैया तेरो क्या बिगड़े,
मोहे राधे राधे कहना सिखा दे॥
अपनी शरण में लेलो मोहन,
अपने ही रंग में रंग लो मोहन,
अपनी गैया का ग्वाला बना ले, कन्हैया तेरो क्या बिगड़े,
मोहे राधे राधे कहना सिखा दे॥
मन मंदिर में ज्योत जलाऊं,
आठो पहर तेरे नाम को सुमिरु,
अपने नाम का दीवाना बना ले, कन्हैया तेरो क्या बिगड़े,
मोहे राधे राधे कहना सिखा दे.....