बैठ नजदीक तूं सांवरे के

ये है भूखा तेरी भावना का,
ये है प्यासा तेरे प्रेम रस का,
नंगे पैरो ही दौड़ा ये आए,
प्रेमियों का इसे ऐसा चस्का,
प्रेम जितना तू इनसे बढाए,
उतना तेरी तरफ ये बढ़ेगा,
देख नज़रों से नजरे मिला के,
तुमसे बाते वो करने लगेगा,
बैठ नज़दीक तू साँवरे के,
तार से तार जुड़ने लगेगा....

पास में बैठ कर तुम प्रभु को,
अपने दिल की हकीकत सुनाओं,
एक टक तुम छवि को निहारो,
कोई प्यारी सी धुन गुनगुनाओं,
भाव जागेंगे तेरे ह्रदय में,
प्रेम तेरा उमड़ने लगेगा,
देख नजरो से नजरे मिला के,
तुमसे बाते वो करने लगेगा,
बैठ नज़दीक तू साँवरे के,
तार से तार जुड़ने लगेगा....

श्याम से प्यार जिसने किया है,
स्वाद जीवन का उसने लिया है,
जिसने नजदीकियाँ है बढ़ाई,
उसने मस्ती का प्याला पिया है,
बिन्नू होठों पे रख के तो देखो,
सारा जीवन महकने लगेगा,
देख नजरो से नजरे मिला के,
तुमसे बाते वो करने लगेगा,
बैठ नज़दीक तू साँवरे के,
तार से तार जुड़ने लगेगा....
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