वृंदावन आई हूं...
तुमसे मिलने को बरसाने से आई हूं॥
कजरारे नैनो ने जादू सा कर डाला,
लट लटके काली मोटे नैनन वाला,
मैं माखन लाई हूं..
तुमसे मिलने को बरसाने से आई हूं.....
यमुना का किनारा हो, आना जब मेरा हो,
सांवरिया तुमसे जब मिलन हमारा हो,
मैं वंसी लाई हूं..
तुमसे मिलने को बरसाने से आई हूं....
तुम रास रचाते हो मुरली मधुर बजाते हो,
छलिया हो बहुत बड़े दिल सबका चुराते हो,
संग सखियां लाई हूं..
तुमसे मिलने को बरसाने से आई हूं....
तेरी सांवली सूरत ने दीवाना बना डाला,
अखियां है जादू भरी मस्ताना बना डाला,
मैं आशा लाई हूं..
तुमसे मिलने को बरसाने से आई है......