राते ढलती नहीं दिन भी निकलता नहीं,
बिन तेरे मोहन पता भी हिलता नहीं,
जिसने माटी बनाई सोना है,
वो मेरा संवारा सलोना है,
भगतो की खातिर लिया कलयुग में अवतार,
सबको देता संवारा तू है लखदातार,
इनके चरणों में मेरा वशोणा है,
वो मेरा संवारा सलोना है,
तोड़ नहीं इसका कोई श्याम बेजोड़,
सब को देता सनवारा मनागे लाख करोड़ो,
उसको भी खुश किया जिसको रोना है,
वो मेरा संवारा सलोना है,
मेरा क्या समान था मेरी क्या पेहचान,
जब से मिला है संवारा तब से मिली पहचान,
डोली/लल्ला पहचान अपनी न खो न है ,
वो मेरा संवारा सलोना है,