तुम्हारी याद आती है बताओ क्या करे मोहन,
सुबह और शाम आती है रात भर वो रुलाती है,
चैन हम को नहीं आता बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है बताओ क्या करे मोहन,
चलु जब वो न चलने दे रुके जब वो न रुकने दे,
मिलु ओरो से न मिलने दे,बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी ये और तुम इसके हमारी कौन चलने दे,
ये जब जायेगी तुम आओ बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है बताओ क्या करे मोहन,