अपनी किरपा का देदो नजराना,
राधे हम को वसा लो बरसाना,
अपने चरणों में देदो ठिकाना,
राधे हम को वसा लो बरसाना,
बरसाना राधे,
तुम ने तो अधमो की बिगड़ी सवारी,
मेरे भी पापो की गठरी है भारी,
अब लुटा दो रेहमत का खजाना,
राधे हमको बसा लो बरसाना
क्या मैं कहु तुमसे अपनी कहानी,
तड़पे है जैसे मशीली बिन पानी,
हम है रोये बहुत तुम हसाना,
राधे हमको बसा लो बरसाना
थकने लगा हु बहुत अब मैं हारा,
आ कर किशोरी जो देदो सहारा,
इतना न हमे तरसना,
राधे हमको बसा लो बरसाना
ये भी पता है गुणागार हु मैं,
कर्मो पे अपने शर्म सार हु मैं,
नहीं चित्र विचित्र को भुलाना,
राधे हमको बसा लो बरसाना