धुला लों पांव राघव जी अगर जो पार जाना है,
अगर जो पार जाना है अगर जो पार जाना है,
धूला लो पांव राघव जी.....
पार करते हो सब जग को नाव का तो बहाना है,
तुम्हारे चरणों की धूलि सुना है जादू करती है,
जो छू जाए अगर पत्थर तो सुंदर नारी बनती है,
जो पत्थर नारी बन जाए तो काठ का क्या ठिकाना है,
धूला लो पांव राघव जी....
हमारी नाव ही परिवार का अंतिम सहारा है,
बिना इसके ओ राघव जी कहां मेरा गुजारा है,
ये नैया जिंदगी मेरी ना कोई भी ठिकाना है,
धूला लो पाव राघव जी....
आएंगे मेरे राघवजी मेरे दिल में तमन्ना थी,
करें उद्धार मेरा भी लगन दिल में लगाई थी,
सफल जीवन करूं अपना ना अब कोई बहाना है,
धूला लो पाव राघव जी.....