तर्ज - मैं झट यमला पगला दीवाना
हो दिन आया बड़ा ही सुहाना,
बसन्त पंचमी पे कलकत्ता है जाना,
के के.. जन्मदिन बाबोसा का आया,
खुशिया हजारों है लाया ।।
भक्ति की खुशबू फैली, इन फिजाओ में,
जयकारा जोरो से लगाये, हम तो राहो में....-2
झूमते गाते हम, कलकत्ता धाम जायेगे,
सारे परिवार को, संग ले जायेंगे,
चलेगा न कोई बहाना ..बहाना ..बहाना ..
हो दिन आया बड़ा....
जिसका पल का इंतजार था, वो आया है द्वार,
कलकत्ता जाने को हम थे, कबसे बेकरार...-2
बाबोसा की छवि को, नैनो से निहारेंगे,
माँ छगनी के लला की, नजर उतारेंगे,
देखेगा सारा जमाना... जमाना ..जमाना
हो दिन आया बड़ा....
कलकत्ता में बाजे, देखो आज बधाइयां,
मोतियन चोक पुराओ, मंगल गावे सब सखियाँ...-2
दिलबर दिल से अपने बाबा को रिझाना है,
शैलू जन्मदिन सबको मिलके मनाना है,
बाबोसा से रिस्ता पुराना ...पुराना ..पुराना,
हो दिन आया बड़ा....