होता वही है हे भगवन जो मंजूर आप को होता है
किसी के कुछ भी चाहने से क्या होता है
होता वही है हे भगवन जो मंजूर आप को होता है
हे सर्वेश्वर हे सर्व शक्ति मान हे सरवस्वर्थ मान
हे पालन हार सब जग नियंता कुछ करने का मजाल क्या किसी का होता है
होता वही है हे भगवन जो मंजूर आप को होता है
चराचर स्वामी अंतरयामी नित नित काहा सब आप के गुण गाते है
दया पात्र सब जीव श्रृष्टि में आप के हाथो में ही दूर होता है
होता वही है हे भगवन जो मंजूर आप को होता है
सुमा मंडल भगती भाव से अपना शीश जुकाए
कृतात वही है दरिव्त हिरदये प्रभु जिस पर आप का होता है,
होता वही है हे भगवन जो मंजूर आप को होता है