हर हर नर्मदे

हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे
बस इसमें ही उद्धार है....

माँ नरबदा में नाहा ले पाप सब धूल जायेंगे,
मात्र दर्शन से तेरे सब कष्ट भी टल जायेंगे,
चल चला चल चल रे बन्दे बहती निर्मल धार है,
हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे....

मात रेवा में नहा के पापी कितने तर गए,
माँ नरबदा की कृपा से नाम जग में कर गए,
कई युगों से नाम माँ का भज रहा संसार है,
हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे....

योगी तप से संत ग्यानी बैठे माँ के तट पे हैं,
अन्य जल सब त्याग कर के रमते माँ तट पे हैं,
रागी आया तट पे तेरे दर्शनों की आस है,
हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे......

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