बड़ा प्यारा लागे मुझे मैया जी का मुखड़ा
लगता है कोई चाँद का टुकड़ा ,
लाये खुशिया हजारो मैया साथ मानो माँ को नच नच के,
भगतो ने मैया जी का भवन सजाया देख के शृंगार माँ का मन हरषाया,
करे देवता फूलो की बरसात
मानो माँ को नच नच के,
ऊंचे पर्वतो से चल के आई महारानी
दर्शन करने आये ऋषि मुनि ग्यानी
आज सिर पे रखे गी मैया हाथ, मानो माँ को नच नच के,
आते आते माँ के तट पे रुक नहीं जाना
मैया जी के दर्शन को चूक नहीं जाना,
तेरे बन जाए बिगड़े काज,
मानो माँ को नच नच के,