कोई नहीं है जिसको पुकारें,
जो तुम रूठे श्याम हमारे,
कोई नहीं है जिसको पुकारें....
तुमसे बंधा है जीवन सुख दुःख हमारे तेरे हाथ में,
हमको तेरी ही छाया तुमको ही चलना अब तो साथ में,
यूँ ही तुमसे मांगे हाथ पसारे,
कोई नहीं है जिसको पुकारें.....
लाचार आँखें भगवन तुमको निहारें कितनी आस से,
बाँहें फैलाई मैंने कबसे ओ बाबा विओश्वास से,
जैसे भी रख लो हम हैं तुम्हारे,
कोई नहीं है जिसको पुकारें....
पंकज के दिल की बाबा सुनलो तो होगी मेहरबानियां,
होंठों पे कैसे लाएं दर्दों के अपनी ये कहानियां,
बोझ ये दिल का कैसे उतारें,
कोई नहीं है जिसको पुकारें.....