(तर्ज:-तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ)
कृपा करके खोलो,दया का खजाना,
अब ना चलेगा श्याम,कोई बहाना,
मुझे श्याम तेरा,भरोसा है भारी
तुम तो निभाते हो, दीनों से यारी
लाखों की तुमने तो,बिगङी सॅवारी
तभी पूजता है,तुझे ये जमाना
अब.....
तुझसे तो मेरा, पुराना है नाता
संकट की घङियों में,तुं ही याद आता
तुंही श्याम मेरा है, भाग्य विधाता
सदा तेरे दर पे है,मेरा आना जाना,
अब.......
तेरे लिये ये बिन्नू नया तो नहीं है
छोङ के द्वार तेरा,गया ना कहीं है
मेरा तो जो कुछ है,श्याम तुं ही है
सुनले दयालु मुझको,पङेगा निभाना,
अब.......