पगलिया में थोड़ी पायल पहिरले कानुड़ो नचावे राधा नाचले
नाचले रे राधा नाचले............
गेर गुमरो पहरे गांगरो ठोकर सु ठुकरावे गुजरी ठोकर सु ठुकरावे..हाथा मए हरी हरी चुडिया नेनासु भरमावे
पगलिया में रे पगलिया में पगलिया थोड़ी पायल पहिरले कानुड़ो नचावे राधा नाचले .........
माथे पे बेवड़लो गुजरी चाल चले मतवाली गुजरी चाल चले मतवाली..कदम की दाल पे बेठो कह्यो फोड़े मटकिया सारी
कानुड़ो नचावे राधा नाचले ...........
सातम है सखिया सारी जल जमना में जावे गुजरी जल जमना में जावे नखरालो ओ कवर कन्हय्यो लारे लारे आवे..........
वृंदावन की कुञ्ज कालीन में कान्हो रात रसावे रे देखो देखो कान्हो रात रसावे गोपिया राधा घर सु धोड़ी धोड़ी आवे
पगलिया में थोड़ी पायल पहिरले कानुड़ो नचावे राधा नाचले
नाचले रे राधा नाचले............
सावली सूरत मोहन मूरत मुरली मधुर बजावे रे कहानजी मुरली मधुर बजावे संद सखी भज बालक सोभा हरी गुण राश गावे ....
पगलिया में राधा पायल पेहरली कानुड़े नचाइ राधा नाचली
नाचली रे राधा नाचली...........