साईं तेरी याद महा सुखदायी ।
एक तुही रखवाला जग में,
तू ही सदा सहाई ॥
तुझ को भूला जग दुखिआरा,
सुमिरन बिन मन में अंधिआरा ।
तुने कृपा बरसाई ॥
मन ही है यह तेरा द्वारा,
बैठ यही से तुझ को पुकारा ।
प्रेम की ज्योति जगाई ॥
साँची प्रीत तुम्हारी दाता,
इस जग का सब झूठा नाता ।
हूँ चरनन शरनाई ॥