है दिल में खुसी अपार, मैं शिर्डी जाऊंगा,
देखु जाकर दरबार मैं शीश झुकाऊँगा......
कृपालु उपकार करणीया,
साई भगत से प्यार करणीया,
होंगे सपने साकार मैं शिर्डी जाऊंगा….
ह्रदय में साई की ज्योति,
था दुखिया अब मिल गए मोती,
करे दुखिया पे उपकार मैं शिर्डी जाऊंगा..
साई जी की अद्भुत माया,
फल देता सबको मन चाहया,
जरा बोलो जय जय कार मैं शिर्डी जाऊंगा………
जली जोत अरदास लगाओ,
जो भी भगत है आगे आओ,
करे साई जी उद्धार मैं शिर्डी जाऊंगा…..
लग रही लग्न मग्न रहु मन में,
नेपाल सिंह उमंग लगी तन में,
खड़या शेरखान दरबार मैं शिर्डी जाऊंगा……