गोरा बात मेरी ले मान,
भांग घोट के मने पिला दे हो तेरा एहसान,
भोले करले मेरा ध्यान,
हाथा मे छाले पड़गे घणी होगी में परेशान,
गोरा बात मेरी ले मान,
भांग घोट के मने पिला दे हो तेरा एहसान।
प्यारी लागे भांग मने तु घोट छान के पियादे,
ना घोटू तेरी भाँग ओ भोले पिहर मने पहोंचादे,
रे गौरा.... रे गौरा क्यूं बनगी नदान,
भांग घोट के मने पिला दे हो तेरा एहसान.....
भाँग छोड़ के खाले, कितनी मैवा और मिठाई,
तन मे मस्ती आवे मेरे भाँग तने जो प्याई,
रे खाले... रे खाले पुड़े और पकवान,
हाथा मे छाले पड़गे घणी होगी में परेशान.....
लग जा पीके भाँग समादी, सुझे अटल अटारी,
आ गी बात समझ में करले, भाँग मेरे ते प्यारी,
तेरा... तेरा हृदय मै आस्थान,
भांग घोट के मने पिला दे हो तेरा एहसान.....
तु मेरा मैं तेरी भोले, मानू तेरी बात,
मैं शिव हु तु आधीशक्ति, सदा हमरा साथ,
रे छेड़ो... रे छेड़ो हरिश मीठी तान,
हाथा मे छाले पड़गे घणी होगी में परेशान.....