मेरे श्याम जैसा,
नहीं कोई दूजा,
सबसे बड़ी है,
मेरे श्याम की पूजा,
सबसे बड़ी है,
मेरे श्याम की पूजा....
इसको पुकारोगे,
सहारा मिल जाएगा,
मजधार में भी,
किनारा मिल जाएगा,
हारे का ये साथी है,
दुनिया ये बतलाती है,
तू भी दर का,
दीवाना थोड़ा हो जा,
सबसे बड़ी है,
मेरे श्याम की पूजा.....
पापियों के पाप,
यहाँ सारे मिट जाते है,
सच्ची हो पुकार तो,
श्याम दौड़े आते है,
भाव में जो बहता है,
संग में उनके रहता है,
इनकी भक्ति में,
तू भी थोड़ा खो जा,
सबसे बड़ी है,
मेरे श्याम की पूजा....
देवता भी इनके आगे,
झोलियाँ फैलाते है,
इसलिए सबसे बड़े,
दानी ये कहाते है,
शीश का दान जो दे सकता,
बोलो क्या ना कर सकता,
श्याम कहे तू भी,
नाम ले के तर जा,
सबसे बड़ी है,
मेरे श्याम की पूजा.....