आई आई रे ग्यारस की रात,
के भोग लगा जाओ,
एक बार आओ जी,
श्याम म्हारे आंगणा,
आई आई रे, ग्यारस की रात,
के भोग लगा जाओ.....
बींदणी रे जागे म्हारी,
टाबरिया सब सोवै छै,
फिर जावेंगे,
फिर जावेंगे, टाबर जाग,
के भोग लगा जाओ,
आई आई रे, ग्यारस की रात,
के भोग लगा जाओ,
एक बार आओ जी,
श्याम म्हारे आंगणा.....
ताजा पाणी लेके,
थारो खींचड़ो बणायो छै,
जिसमे लगवाई रे,
घी की धार,
के भोग लगा जाओ,
आई आई रे, ग्यारस की रात,
के भोग लगा जाओ,
एक बार आओ जी,
श्याम म्हारे आंगणा.....
बींदणी रे बरती म्हारी,
टाबरिया सब जिद्दी छै,
कदे करदे ना झूठ मिठास,
के भोग लगा जाओ,
आई आई रे, ग्यारस की रात,
के भोग लगा जाओ,
एक बार आओ जी,
श्याम म्हारे आंगणा…..
चूरमो बणायो श्याम,
भोग थे लगाओ जी,
थारी देखे रे भगत यूँ बाट,
के भोग लगा जाओ,
आई आई रे, ग्यारस की रात,
के भोग लगा जाओ,
एक बार आओ जी,
श्याम म्हारे आंगणा….
कौशिक और भगवान् दास,
अर्जी यो लगावे जी,
म्हारी रख ले, रे बाबा लाज,
के भोग लगा जाओ,
आई आई रे, ग्यारस की रात,
के भोग लगा जाओ,
एक बार आओ जी,
श्याम म्हारे आंगणा…..