श्याम सुंदर सवेरे सवेरे तुम मुरली बजाया करो ना,
नाम मुरली में ले ले के मेरा, मुझे घर से बुलाया करो ना,
श्याम सुंदर सवेरे सवेरे....
तेरे कांधे पे काली कमरिया,
और मुख पे है प्यारी मुरलिया,
मेरे घर के अगाड़ी पिछाड़ी ,
तुम चक्कर लगाया करो ना,
श्याम सुंदर सवेरे सवेरे....
जितना जी चाहे माखन खा लो,
घर में माखन की कोई कमी ना,
पर सखियों के घर जा जाकर,
तुम माखन चोर आया करो ना,
श्याम सुंदर सवेरे सवेरे....
वह वृंदावन गोकुल की गलियां,
जहां रहती हैं राधा की सखियां,
तुमने पहले तो सबको हंसाया,
फिर हंसा कर रुलाया करो ना,
श्याम सुंदर सवेरे सवेरे....