जो कुछ भी मैंने पाया वो है तेरी मेहरबानी,
जो कुछ खोया मैंने वो मेरी नादानी,
तूने बदल डाला मेरे नसीब को,
छाओ में अपनी पला सेवक गरीब को,
बना डाली तूने मेरी ज़िंदगानी,
जो कुछ खोया मैंने..........
ठोकरे ज़माने की खाया हुआ था,
अपनों का मैं तो सताया हुआ था,
बदल डाली तूने ये मेरी कहानी,
जो कुछ खोया मैंने..........
हर पल दुखो से तुमने उबारा,
सच्चे सुखो से बाबा तूने सवारा
सेवा की देदी तुमने निशानी,
जो कुछ खोया मैंने...........
खोने का कुछ भी ज़रा गम नहीं है,
मेरे पास तू है दाता ये कम नहीं है,
रोमी की सुनली है तुमने कहानी,
जो कुछ खोया मैंने...........