चटक मटक चटकीली चाल,
और ये गुंगर वाला बाल,
तृषा मोर मुकट सिर पे और ये गल बैजंती माल,
तेरी सांवरी सुरतिया पे दिल गई हार,
नटखट नटवर नन्द दुलारे तुम भगतो के प्राण आधार,
चंचल चितवन चीयर चुराइयाँ सब की नैया पार लगाइयाँ,
तेरी सांवरी सुरतियाँ पे दिल गई हार,
केसरियां भागा तन सोहे,
बांकी अदा मेरा मन मोहे,
कैसे मंत्र मोहनी डाली मैं सुध भूल गई मतवारी,
तेरी सांवरी सुरतिया पे दिल गई हार,
पल पल करू वंदना तेरी,
पूरी करो कामना मेरी,
छवि धाम रूप रस खानी प्रीत की रीत निभानी जानी,
तेरी सांवरी सुरतिया पे दिल गई हार,