तेरे सिवा जहां में,कौंन मददगार हुआ

तरज़-किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है

तेरे सिवा जहां में,कौंन मददगार हुआ
जब भी चाहा जिसे चाहा,तेरे प्रेम का तलबगार हुआ
तेरे सिवा जहां में,कौंन मददगार हुआ
तेरे सिवा...

ज़माने भर की ठोकरें,ख़ात्ते रहते हैं
तेरे ही नाम की रटना,लगाये रहते हैं
जब भी चाहा जिसे चाहा तेरे प्रेम का तलबगार हुआ
तेरे सिवा जहां में,कौंन मददगार हुआ
तेरे सिवा...

हां‌ प्रेम है मुझे तुझसें,ये मैंनें माना है
ना रह सकुंगा तेरे बिन,ऐसा लगता है
जब भी चाहा जिसे चाहा,तेरे प्रेम का तलबगार हुआ
तेरे सिवा जहां में,कौंन मददगार हुआ
तेरे सिवा...

नाम रसका पागल हुं मैं,कहे ज़माना मुझे
धसका माया में है फंसा,आके छुड़ाओ मुझे
जब भी चाहा जिसे चाहा,तेरे प्रेम का तलबगार हुआ
तेरे सिवा जहां में,कौंन मददगार हुआ
तेरे सिवा...

बाबा धसका पागल पानीपत
संपर्कंसुत्र-7206526000

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