चारे पासे धूम मची है खुशिया दा वेला है,
मेला है मेला है शेरावाली दा मेला है,
माँ दे प्यारे मेला वेखन आये भोली माँ दा,
रेहमत करदी माँ वैष्णो नाम बड़ा इसदा,
मेला वेखन आया हर कोई नाल गुरु दे चेला है,
मेला है मेला है शेरावाली दा मेला है,
खूब दुकाना सजिया एथे लगियाँ रोनका भरी,
नचन गावन भगत जैकारे लावन बारो बारी,
झंडे लें हुलारे होया मौसम भी अलबेला है,
मेला है मेला है शेरावाली दा मेला है,
राजू भी हरिपुरिया अम्बरसरिया हज़ारी लगावे,
मैया दा गुण गान है करदी दर ते सानिया गावे,
लंगर चलदे दिन राति ना लगे पैसा थेला है,
मेला है मेला है शेरावाली दा मेला है,