ओ मुरली वाले मोहन,
मुरली तो फिर बजाना,
हरदम सताया करती है,
बरसो की बरसो बीत गई,
तेरी याद आया करती है।
ओ मुरली वाले सांवरे,
नेक मुरली फेर बजा,
तेरी मुरली ने मेरो मन हर्यो,
मोहे घर अंगना ना सुहाए।
ओ मुरली वाले मोहन,
मुरली तो फिर बजाना,
वो प्यारी प्यारी सूरत,
आकर के तुम दिखाना,
ओ मुरली वालें मोहन,
मुरली तो फिर बजाना……..
रोते है बाल सारे,
तेरी रास्ता निहारे,
दीवाने तेरे प्यार के,
अपना इन्हे बनाना,
ओ मुरली वालें मोहन,
मुरली तो फिर बजाना……..
आती है याद हरदम,
आ जाओ मेरे प्यारे,
अब दर्श तुम करा दो,
देरी ना फिर लगाना,
ओ मुरली वालें मोहन,
मुरली तो फिर बजाना……..
‘दीपक’ है अज्ञानी,
बन जाओ तुम सहारा,
अब रख लो लाज मेरी,
हमको ना तुम भुलाना,
ओ मुरली वालें मोहन,
मुरली तो फिर बजाना………
ओ मुरली वालें मोहन,
मुरली तो फिर बजाना,
वो प्यारी प्यारी सूरत,
आकर के तुम दिखाना,
ओ मुरली वालें मोहन,
मुरली तो फिर बजाना…..