रे नर तूने कबहु ना कृष्ण कहो,
जन्म तेरा यूं ही बीत गया.....
5 बरस का भोला भाला अब तो 20 भयो,
उम्र 25 में माया कारण देश-विदेश गया,
रे ना रे तूने कबहु ना कृष्ण कहो....
30 बरस की अव मत उपजी लोभ भयो नीतू भारी,
माया जोड़ी लाख करोड़ी तबहु ना तृप्त भयो,
रे ना रे तूने कबहु ना कृष्ण कहो....
वृद्ध भयो तब आलस आयो कफ नीत कंठ रहो,
साधु संगत कबहु ना किनी वीरता जन्म भयो,
रे ना रे तूने कबहु ना कृष्ण कहो....
यह संसार है मतलब लोभी झूठों ठाट रचो,
कहत कबीर समझ मन मूरख तू क्यों भूल गया,
रे ना रे तूने कबहु ना कृष्ण कहो....