म्हारा पियर में साहिबा,
बोई गणगौर,
आसि बोल रही कोयलिया,
नाचि रया मोर,
म्हारा पियर म साहिबा,
बोई गणगौर...
मैया और बाबुल की,
याद घनी आव,
याद घनी आव,
मख चैन नहीं आव,
म्हारा बाबुल का आंगन में,
नाच रया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर...
भाई कीरसानिया की,
याद घनी आव,
याद घनी आव,
मख चैन नहीं आव की,
रसानिया का आंगन में,
नाचीरया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर....
भाई झमरालिया की,
याद घनी आव,
याद घनी आव मख,
चैन नहीं आव,
झमरालिया का आंगन में,
नाचीरया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर....
भाई सुनारया की,
याद घनी आव,
याद घनी आव मख,
चैन नहीं आव,
सुनारया का आंगन में,
नाचीरया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर....
संग की सहेली की,
याद घनी आव,
याद घनी आव मख,
चैन नहीं आव,
म्हारी सखियन का आंगन में,
नाचीरया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर...