मेरा हाथ पकड़ लो माँ जगत में भीड़ तो भारी है,
कहीं खो ना जाऊं मैं माँ तेरी ज़िम्मेवारी है,
मेरा हाथ पकड़ लो माँ....
दुनिया तो बदलती आई है दुनिया का क्या विश्वास करूँ,
माँ तू ना कभी बदल ना जाना विनती मैं तुमसे एक करूँ,
हर पल देना मेरा साथ माँ तुमसे अरज़ हमारी है,
कहीं खो ना जाऊं मैं माँ तेरी ज़िम्मेवारी है,
मेरा हाथ पकड़ लो माँ....
हारे को माँ अपनाती हो में भी तो हार के आया हूँ,
खाली झोली के साथ में माँ अश्कों को चढाने लाया हूँ,
माँ रख लेना मेरी लाज के अब ये लाज तुम्हारी है,
कहीं खो ना जाऊं मैं माँ तेरी ज़िम्मेवारी है,
मेरा हाथ पकड़ लो माँ....
नाता जो तुमसे जोड़ा है माँ उसकी डोर ना टूटेगी,
थामे रखना माँ तुम मुझको जब अंतिम साँसें छूटेंगी,
माँ मान हरी की बात के तुम पे जान ये वारि है,
कहीं खो ना जाऊं मैं माँ तेरी ज़िम्मेवारी है,
मेरा हाथ पकड़ लो माँ.....