बैठी हो चुप क्यों माता जी

बैठी हो चुप क्यों माता जी बोलो कया बात है,
भगतो के संग झूलो जागे की रात है,
बैठी हो चुप क्यों माता जी बोलो कया बात है,

दुल्हन बनाया है तुम्हे भक्तो ने झूम के,
ये हो रहे है वनवारे कदमो को चुम के,
भगतो के आयी माता जी सज के बरात है,
भगतो के संग झूलो जागे की रात है,

ऐसे गजब समा है माँ मस्ती सी छा रही,
मुस्कान तेरी मात जी कया जुलम ढा रही ,
सझ धज के बैठी माता जी वाहा वाहा क्या बात है
भगतो के संग झूलो जागे की रात है,

लेके बलिया मात तेरी नजरे उतार लू,
कहती है साधना ये जीवन सवार दू,
हम तो ये रात मिल गई किस्मत की बात है  
भगतो के संग झूलो जागे की रात है,
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